December 15, 2024

New Delhi: आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जो चन्द्रमा के पूर्ण होने की वजह से भी प्रसिद्ध है। गुरु पूर्णिमा एक पर्व है जो भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व विभिन्न धार्मिक समुदायों में मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा का त्योहार शिक्षा और ज्ञान को महत्व देने के लिए जाना जाता है। इस दिन छात्र या शिष्य अपने गुरुओं को धन्यवाद देते हैं और उन्हें उनके द्वारा प्रदान किये गए ज्ञान के लिए सम्मान करते हैं। यह पर्व भक्ति और श्रद्धा का अवसर भी होता है जिससे शिक्षा और संस्कृति में वृद्धि होती है।

गुरु-शिष्‍य परंपरा’ हिन्‍दू धर्म की अद्वितीय श्रेष्‍ठ परंपरा है। ऐसी परंपरा रही है कि राष्‍ट्र और धर्म पर आनेवाले संकट को दूर करने में गुरु-शिष्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस तरह की परम्पराओं के लिए भारत का गौरवशाली इतिहास है।

बिहार के पटना, मुजफ्‍फरपुर, समस्‍तीपुर और गया में गुरुपूर्णिमा महोत्‍सवों का आयोजन किया गया है। हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में गुरु-शिष्य परंपरा के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा होगी। साथ हीं इस परंपरा को आनेवाली नवपीढ़ियों को प्रदान करने पर चर्चा भी होगी।

इस गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी देशवासियों को बधाई दी है।

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः “समस्त देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की अनंत शुभकामनाएं।”

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